

ज्योतिषाचार्य डॉ. राकेश हर्ष
शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव को ग्यारह वस्तुएं विशेष प्रिय होती हैं। वे ग्यारह वस्तुएं इस प्रकार हैं- बिल्व पत्र, जल, आकड़ा, धतूरा, भांग, कर्पूर, दूध, चावल, चंदन, भस्म और रुद्राक्ष। शास्त्रों में बताया गया है कि आक का फूल शिव को अर्पण करना सोने के दान के बराबर है। भांग, धतूरा और बिल्वपत्र शिव को औषधि के रूप में प्रिय है। इसके पीछे कारण यह कि जब भगवान शिव ने विषपान किया था, उसके बाद वे व्याकुल हो गए थे। तब अश्विनी कुमारों ने महादेव को भांग, धतूरा और बिल्वपत्र का सेवन करवाया, इससे शिव की व्याकुलता समाप्त हो गई।
इसलिए जो डिप्रेशन और मानसिक रूप से परेशान रहते हैं, उन्हें शिव को भांग, धतूरा और बिल्वपत्र अर्पण करना चाहिए। जीवन में नकारात्मकता दूर करने और वातावरण को शुद्ध बनाने के लिए महादेव को कर्पूर चढ़ाना चाहिए। जिन लोगों का दाम्पत्य जीवन सुखमय नहीं है, उन्हें शिव को भस्म अर्पण करनी चाहिए। भोलेनाथ को चंदन चढ़ाने से जीवन में यश और कीर्ति की प्राप्ति होती है। कहा जाता कि भगवान शिव ने रुद्राक्ष की उत्पति जगत के कल्याण के लिए की थी, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को सावन मास में रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। शिव को जल और दुग्ध अर्पण करने से व्यक्ति का चंद्रमा शुभ होता है और मन शांत रहता है। इसी तरह वंश वृद्धि के लिए भगवान शिव को चावल चढ़ाने चाहिए। ये सभी वस्तुएं श्रावण मास में शिव को अर्पण करने से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं जीवन आनंदमय बनता है।
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