September 6, 2025
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“कुएं के अंदर तो तू सुपरहिट हो गया। लेकिन समंदर में भी तो तुझे सुपरहिट होना है कि नहीं?” स्वर्गीय मनोज कुमार जी ने ये बात धीरज कुमार जी से कही। वही धीरज कुमार जो आज 79 साल की उम्र में ये दुनिया छोड़कर चले गए हैं। ये तब की बात है जब धीरज कुमार जी पंजाबी फ़िल्म इंडस्ट्री में एक्टिव थे। और उनकी पंजाबी फ़िल्में बहुत बढ़िया प्रदर्शन कर रही थी। उसी दौरान मनोज कुमार साहब रोटी कपड़ा और मकान फ़िल्म का निर्माण कर रहे थे। मनोज कुमार जी से धीरज कुमार जी की बहुत बढ़िया जान-पहचान थी। मित्रता थी दोनों के बीच। मनोज कुमार जी धीरज जी को भी एक रोल में कास्ट करना चाहते थे।

मनोज कुमार जी के कहने पर कुछ दिनों के बाद धीरज कुमार जी मुंबई आए। जब वो मनोज कुमार जी से मिले तो मनोज कुमार जी ने उन्हें समझाते हुए कहा कि रीज़नल फ़िल्में करने में कोई बुराई नहीं है। बिल्कुल करो। लेकिन तुम बॉलीवुड एक्टर है। उसको मत छोड़ो। बॉलीवुड इंडस्ट्री के टच में भी रहो। मनोज कुमार जी की नसीहत धीरज जी ने मानी। और ये फिर से हिंदी फ़िल्मों में काम करने लगे। इन्होंने अनेकों फ़िल्मों में काम किया। हर बड़े स्टार के साथ स्क्रीन शेयर की। कभी पॉज़िटिव तो कभी निगेटिव किरदार भी निभाए। करियर की शुरुआत में तो ये कई फ़िल्मों में हीरो भी रहे थे। इन पर येशुदास का गाया गीत ‘का करूं सजनी, आए ना बालम’ फिल्माया गया, जो सुपरहिट हुआ।

धीरज कुमार जी फ़िल्मों में काम तो कर रहे थे। अच्छा पैसा भी कमा रहे थे। मुंबई में अपना घर भी बना चुके थे। और गाड़ी वगैरह भी खरीद चुके थे। लेकिन मन ही मन ये बेचैन रहा करते थे। क्योंकि पहचान के नाम पर इन्हें कुछ ख़ास नहीं मिला था। तमाम काम करने के बाद भी धीरज कुमार जी को संतुष्टि नहीं मिल रही थी। एक दिन मुंबई में इनसे मिलने इनके बड़े भाई आए। उनका नाम था विंग कमांडर देवेंद्र दास। जी हां, वो भारतीय वायुसेना में थे। बड़े भाई ने धीरज कुमार के मन में चल रही बेचैनी को पहचान लिया। उन्होंने धीरज कुमार से उनकी बेचैनी की वजह पूछी। धीरज जी ने उन्हें पूरी बात बताई भी।

तब बड़े भाई विंग कमांडर देवेंद्र दास जी ने धीरज कुमार जी को टीवी के लिए शोज़ बनाने का आईडिया दिया। देवेंद्र दास जी ने इन्हें बताया कि दूरदर्शन को कमर्शियलाइज़्ड करने की तैयारी चल रही है। बड़े भाई की सलाह पर धीरज कुमार जी ने टीवी के लिए शो बनाने की रिसर्च शुरू कर दी। और आखिरकार उन्होंने दो शोज़ के पायलट एपिसोड्स बनाए। एक था कहां गए वो लोग। और दूसरा था खजाना। कहां गए वो लोग शो के पहले एपिसोड में कामिनी कौशल जी थी।

खजाना शो दुनिया की अनोखी कहानियां बताने वाला शो था। दूरदर्शन ने दोनों शोज़ को पास कर दिया। पर चूंकि धीरज कुमार जी के पास सीमित संसाधन थे तो उन्होंने खजाना शो को ड्रॉप कर दिया। और कहां गए वो लोग शो कंटीन्यू किया।
ये शो बहुत पसंद किया गया। धीरज कुमार जी ने खुद भी इस शो में एक्टिंग की थी। और मनोज कुमार जी ने भी एक्टिंग की थी इस शो में। देश के भूले-बिसरे शहीदों व वीर पुत्रों की कहानियां इस शो में दिखाई जाती थी। इस शो को दर्शकों द्वारा बहुत सराहा गया था। इसके बाद उन्होंने धारावाहिक ‘संसार’ ‘ओम नम: शिवाय’ के साथ ही अनेक शो बनाए जो काफी पसंद किए गए।

साथियों आज धीरज कुमार जी का देहांत हो गया। कल रात उनकी तबियत अचानक खराब हुई और उन्हें सांस लेने में तकलीफ़ महसूस हुई। धीरज जी को कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। उनकी तबियत इतनी खराब थी कि आईसीयू में उनका इलाज किया जा रहा था। उन्हें वेंटीलेटर पर भी रखना पड़ गया था। लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी। 79 साल की उम्र में आज धीरज कुमार जी ने आखिरी सांस ली। उनका असली नाम धीरज कोचर था। वो पंजाब के रहने वाले थे। 1 अक्टूबर 1944 को उनका जन्म हुआ था। धीरज कुमार एफ़टीआईआई के स्टूडेंट रहे थे। सुभाष घई इनसे एक साल सीनियर थे एफ़टीआईआई में।

धीरज कुमार जी ने भी उसी फ़िल्मफ़ेयर यूनाइटेड प्रोड्यूसर टैलेंट हंट कॉन्टेस्ट में हिस्सा लिया था जिसमें राजेश खन्ना जी ने भी हिस्सा लिया था। राजेश खन्ना ही उस कॉन्टेस्ट के विजेता भी थे। उसी कॉन्टेस्ट में सुभाष घई साहब ने भी हिस्सा लिया था। और आपको बता दें कि एक्ट्रेस फ़रीदा जलाल जी उस कॉन्टेस्ट की फ़ीमेल विनर थी। धीरज कुमार जी की बात करें तो इनकी पहली फ़िल्म थी साल 1970 में आई रातों का राजा। इस फ़िल्म में शत्रुघ्न सिन्हा जी भी थे।