
अभिनव न्यूज़ l भारतीय सेना के शौर्य, बलिदान और सम्मान को देशभर में जन-जन तक पहुंचाने के लिए कांग्रेस जय हिंद सभाएं शुरु करने जा रही है। जय हिंद सभाओं का यह अभियान 24 से 31 मई तक देश के 16 प्रमुख शहरों में आयोजित किया जाएगा। इस पहल के माध्यम से पार्टी न केवल सेना के प्रति सम्मान व्यक्त करेगी, बल्कि सरकार से सुरक्षा चूक और हालिया आतंकवादी घटनाओं पर जवाबदेही की मांग भी करेगी।
सेना के सम्मान और सुरक्षा पर सवाल
कांग्रेस ने यह निर्णय हाल ही में हुए पहलगाम आंतकी हमला और उसके बाद सेना द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद लिया है। पार्टी का कहना है कि सेना के जवानों की शहादत का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए, लेकिन सरकार को सुरक्षा में हुई विफलताओं का जवाब देना चाहिए। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पहलगाम जैसा हमला, जहां आतंकियों ने एक-एक कर आम नागरिकों को निशाना बनाया, यह सुरक्षा की नाकामी को दर्शाता है।
जय हिंद सभाओं का लक्ष्य
कांग्रेस का उद्देश्य है कि इन सभाओं के जरिए देश में राष्ट्रवाद की एक सकारात्मक और समावेशी भावना को बढ़ावा दिया जाए, सेना के प्रति सम्मान प्रकट किया जाए और देशवासियों को सैनिकों के बलिदानों की अहमियत समझाई जाए।
वरिष्ठ नेताओं को दी गई जिम्मेदारी
कांग्रेस ने देशभर में फैले 16 शहरों में ‘जय हिंद सभाओं’ के लिए अपने वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारियां सौंपी हैं। इनमें से 4 नेता राजस्थान से हैं, जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई हैं। अशोक गहलोत दिल्ली में सभा को संबोधित करेंगे, सचिन पायलट चंडीगढ़ में नेतृत्व करेंगे, हरीश चौधरी गुवाहाटी में सभा को संबोधित करेंगे और भंवर जितेंद्र सिंह हल्द्वानी में सभा की जिम्मेदारी निभाएंगे।
बेंगलुरु- केसी वेणुगोपाल
शिमला- अजय माकन
जबलपुर- भूपेश बघेल
मुजफ्फरपुर- गौरव गोगोई
पुणे- पवन खेड़ा
भुवनेश्वर- दीपेंद्र हुड्डा
पठानकोट- कन्हैया कुमार
गोवा- कर्नल रोहित चौधरी
कोचीन- अनुमा आचार्या
दिल्ली- अशोक गहलोत
चंडीगढ़- सचिन पायलट
गुवाहाटी- हरीश चौधरी
हल्द्वानी- भंवर जितेंद्र सिंह
सेना के पूर्व अधिकारी भी होंगी शामिल
गौरतलब है कि इन सभाओं में केवल राजनीतिक नेता ही नहीं, बल्कि सेना के पूर्व अधिकारी, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता, सामाजिक कार्यकर्ता और युवा नेता भी भाग लेंगे। इनका उद्देश्य एकजुट होकर यह संदेश देना है कि सेना का सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित करना हर भारतीय की जिम्मेदारी है।