सालभर बाद चांडक ने रुपए मांगे तो आरोपी ने 4 लाख रुपए का चेक दे दिया। चांडक ने चेक बैंक में लगाया तो खाते में रुपए नहीं होने के कारण बाउंस हो गया। इस पर परिवादी रमेश चांडक ने अपने अधिवक्ता राधेश्याम सेवग के जरिये आरोपी को नोटिस भेजा जिसका जवाब नहीं दिया। परिवादी की ओर से आरोपी के खिलाफ विशिष्ट न्यायालय नंबर 3 (एनआई एक्ट) में वाद दायर किया गया। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट के पीठासीन अधिकारी ललित कुमार ने आरोपी भंवरलाल को दोषी माना और 6 माह के कारावास व 6.20 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।