

अभिनव न्यूज़, नेटवर्क। पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी को राजस्थान हाईकोर्ट से राहत नहीं मिल पाई है। जल जीवन मिशन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया है। जस्टिस प्रवीर भटनागर की अदालत ने सोमवार को यह फैसला सुनाया। अदालत ने इससे पहले 8 अगस्त को दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था।
वहीं ईडी की ओर से अधिवक्ता अक्षय भारद्वाज ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि जोशी ने विभाग की टेंडर प्रक्रिया में रिश्वत ली थी। उनके बेटे की कंपनी में 50 लाख रुपए का लेन-देन हुआ है, जिसे लौटाने से अपराध की गंभीरता कम नहीं हो जाती। ईडी ने तर्क दिया कि धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 45 के अनुसार आरोपी को तभी जमानत दी जा सकती है जब यह स्पष्ट हो कि वह अपराध में संलिप्त नहीं है। यदि महेश जोशी को जमानत दी जाती है तो वे गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। इसी आधार पर अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।