

अभिनव न्यूज़, नेटवर्कर। सरकारी योजना का दुरूपयोग करने वाले 6 टीचर को निलंबित कर दिया गया है। ये सभी टीचर आरजीएचएस स्कीम का दुरूपयोग कर रहे थे। ये टीचर स्वयं और आश्रित पत्नी और अविवाहित संतानों के बजाय दूसरों को इसका लाभ दिला रहे थे।
कोई अपने बेटे के नाम पर बेटे के दोस्त का इलाज करवा रहा था, तो कोई अपने किराएदार का। ऐसे छह मामलों में हेल्थ डिपार्टमेंट की जांच में फर्जीवाड़ा मिलने पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। जिन टीचर्स को निलंबित किया गया है, उनमें दो करौली के हैं जबकि जयपुर, दौसा, अलवर और भरतपुर के एक-एक टीचर है।
इसमें करौली के भागीरथ मीणा को पत्नी के नाम पर विवाहित बेटी का इलाज करवाने का प्रयास करने का दोषी माना गया है। वहीं करौली के ही जगभान सिंह गुर्जर अपने बेटै के नाम पर बेटे के दोस्त का इलाज करवा रहे थे। जगभान सिंह प्रबोधक पद पर कार्यरत है। जयपुर के कुंबोदिनी मीणा को अपने नाम पर किसी अन्य का इलाज करवाने का दोषी माना गया है।
दौसा के प्रिंसिपल राम किशोर मीणा की बेटी विवाहित होने के बाद भी इस कार्ड से जयपुर के जीवन रक्षा अस्पताल जगतपुरा में इलाज ले रही थी। अलवर के धनपत दत्त बैरवा को अपने भाई का इलाज करवाने पर सस्पेंड किया गया है। वहीं भरतपुर के राजेश को भी सस्पेंड किया गया है। अपने दोस्त के बेटे का इलाज करवा रहे थे। चिकित्सा विभाग के राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने जांच के बाद ये रिपोर्ट माध्यमिक एवं प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक को भेजी है। जिसके आधार पर निलंबन आदेश संबंधित अधिकारी जारी कर रहे हैं।