

अभिनव न्यूज़, नेटवर्क। रेलवे के बाद अब केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो में भी डमी कैंडिडेट के जरिए नौकरी पाने का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। विभाग ने कार्रवाई करते हुए एक इंस्पेक्टर और एक कांस्टेबल को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। दोनों की नियुक्ति कर्मचारी चयन आयोग (SSC) के माध्यम से हुई थी और वे पिछले छह साल से सेवा में थे।
फर्जी दस्तावेज और डमी कैंडिडेट से मिली नौकरी
उपायुक्त नरेश बुंदेल ने बताया कि शिकायत के बाद हुई जांच में सामने आया कि इंस्पेक्टर और कांस्टेबल की जगह किसी और ने परीक्षा दी थी। जांच के दौरान दोनों के फोटो, हस्ताक्षर और फिंगरप्रिंट मेल नहीं खा रहे थे। मामले की रिपोर्ट मुख्यालय भेजने के बाद दोनों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।
कौन हैं आरोपी कर्मचारी?
बर्खास्त इंस्पेक्टर का नाम प्रदीप है, जो हरियाणा का निवासी है और वर्ष 2019 में फर्जी तरीके से नौकरी पाई थी। वह वर्तमान में प्रतापगढ़ जिले में पदस्थ था। वहीं कांस्टेबल जाकिर हुसैन, बिहार का निवासी है, जिसने 2021 में जॉइन किया था और कोटा में तैनात था।
वैज्ञानिक जांच में खुला राज
विभाग के अनुसार, आरोपियों के दस्तावेज कर्मचारी चयन आयोग से मंगवाए गए और फोटो व हस्ताक्षरों का मिलान कराया गया। प्रदीप का फोटो मैच हो गया लेकिन जाकिर का नहीं हुआ। बाद में प्रदीप के फिंगरप्रिंट की जांच जयपुर लैब में कराई गई, जहां यह साबित हो गया कि नौकरी ज्वाइन करते समय और परीक्षा के समय लिए गए फिंगरप्रिंट अलग-अलग थे।
लाखों की वसूली की तैयारी
दोनों बर्खास्त कर्मचारियों ने अब तक वेतन और भत्तों के रूप में लाखों रुपये प्राप्त कर लिए हैं। विभाग ने उन्हें नोटिस जारी कर एक माह के भीतर यह रकम लौटाने का आदेश दिया है। यदि पैसा वापस नहीं किया गया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो अब इस पूरे प्रकरण को सीबीआई को सौंपने की तैयारी कर रहा है, ताकि बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े की सच्चाई सामने लाई जा सके।