

अभिनव न्यूज़, नेटवर्क। राजस्थान सरकार ने फिलहाल नए बिजली कनेक्शनों में स्मार्ट मीटर लगाने की अनिवार्यता को हटा दिया है। इसके साथ ही खराब और जले हुए मीटरों की जगह भी अब पुराने मीटर लगाए जा सकेंगे। बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) ने स्मार्ट मीटर लगाने की गाइडलाइन में बदलाव करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
अब नए कनेक्शन और खराब या जले हुए मीटर को बदलने के लिए अलग-अलग नियम लागू होंगे। 20 अगस्त को जारी नई गाइडलाइन के अनुसार, जिन इलाकों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम चल रहा है या पूरा हो चुका है, वहां नए कनेक्शन पर स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। खराब मीटर भी केवल स्मार्ट मीटर से ही बदले जाएंगे। लेकिन, बाकी जगहों पर फिलहाल सामान्य (नॉन-स्मार्ट) मीटर से ही काम चलाया जाएगा।
बिजली निगम ने स्पष्ट किया है कि जिन क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर रोलआउट अभी शुरू नहीं हुआ है, वहां खराब या जले हुए मीटर बदलने का काम स्मार्ट मीटर की कमी के कारण नहीं रुकेगा। बिजली आपूर्ति की शर्तें-2021 के क्लॉज 9.12 के अनुसार, उपभोक्ताओं को समय पर सेवाएं मिलनी चाहिए। इसके तहत शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 72 घंटे के भीतर मीटर बदलना अनिवार्य है। मीटर उपलब्ध न होने की स्थिति में आपूर्ति बहाल करने में देरी नहीं की जाएगी। यदि दो महीने के भीतर मीटर नहीं बदला जाता है, तो उपभोक्ता को बिल पर 5त्न की छूट मिलेगी, और इस राशि की वसूली जिम्मेदार अधिकारी से की जाएगी।